Private School Action : आज स्कूल चलाने वाले व्यक्तियों के लिए बहुत ही बड़ी खबर निकलकर आ रहा है। ऐसे में अगर आप भी एक स्कूल संचालक हैं और आप भी अपने स्कूलों में मनमानी करते हैं। जैसे बच्चों की दाखिला को लेकर, या अन्य किसी प्रकार को लेकर किसी भी तरह की मनमानी करते हैं। तो अब आप लोगों की खैर नहीं है बता दे कि अब आप सभी लोगों पर बहुत ही कड़ी कार्रवाई किए जाएंगे। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
बता दे की निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकारी अधिनियम के तहत चयनित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के स्टूडेंट को दाखिला न देने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ अब प्रशासन ने बहुत ही बड़ी कार्रवाई करने का मूड बना लिए हैं। वही ऐसे स्कूलों को चेतावनी दिए गए हैं कि यदि वे निर्धारित समय सीमा में प्रवेश नहीं देते हैं तो जिलाधिकारी सुनाएं मामले की सुनवाई कर आवश्यक कार्रवाई करेंग। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
Private School Action : RTE के अंतर्गत चयनित बच्चों को दाखिला देने से करते रहे हैं टालमटोल
बता दे की बेसिक शिक्षा के मुताबिक जिले के कई निजी स्कूल लगातार RTE के अंतर्गत चयनित बच्चों को दाखिला देने से टाल मटोल करते रहे हैं। जबकि विभाग ने 30 जून 2025 का समय देकर बार-बार चेतावनी जारी किए थे। वहीं इसके बावजूद अधिकांश विद्यालयों ने समय रहते स्टूडेंट को प्रवेश नहीं दिए या फिर कुछ नाममात्र बच्चों को दाखिला देकर कार्रवाई से बचने की कोशिश किए हैं।
Private School Action : अब शिक्षा विभाग में इन स्कूलों को खिलाफ अपने हैं कर रवैया
बता दे कि अब शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों के खिलाफ बहुत ही कल रवैया अपनाए हैं। वहीं विभाग के पास अभिभावकों की लगातार मिल रहे शिकायतें इस बात का परमैन है कि कई स्कूल अपनी मर्जी से कम कर रहे हैं। और RTE कानून को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। आइए और जानते हैं नीचे किले की में पूरी जानकारी विस्तार से।
Private School Action : आवंटन पत्र के बाद भी घूमते रहे हैं अभिभावक
बता दे कि आवंटन पत्र मिलने के बावजूद कई अभिभावकों को बच्चों के दाखिले के लिए स्कूलों के चक्कर काटने पड़े हैं। वहीं अभिभावकों का कहना है कि विभाग यदि चाहे तो वह स्कूलों से एक रिपोर्ट मंगवा कर यह जान सकते हैं कि कितने बच्चों को प्रवेश दिए गए हैं। और कितने अभी भी वंचित रहे हैं वहीं इससे मनमानी कर रहे स्कूलों की पहचान करना भी आसान हो जाएगा।आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
4738 में से 1450 सिम अभी भी है खाली
बता दे की बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार जनवरी से मार्च तक चरणों में आरटीई दाखिला प्रक्रिया चले जिसमें 4738 सिम भरे जाने थे। लेकिन अभी भी 1450 सीटे खाली हैं वही याद दर्शाता है कि कई स्कूल जानबूझकर दाखिला नहीं दे रही है। और योग्य बच्चों का हक छीना जा रहा है। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
पहले भी डीएम की सख्ती से हुए थे दाखिले
बता दे कि यह कोई पहली बार नहीं है जब प्रशासन को दखल देना पड़ रहा है। वही दो महीने पहले भी जब स्टूडेंट को दाखिला नहीं मिले तो करीब एक दर्जन अभिभावकों ने शिक्षा विभाग में शिकायतें दर्ज कराए। वहीं इनमें से चार स्कूलों ने नौ बच्चों का दाखिला जानबूझकर लटकाए हुए थे। जिनका चयन लॉटरी के जरिए जनवरी और फरवरी में ही हो चुके थे। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
डीएम की चेतावनी के बाद स्कूलों ने बदले चला
बता दे की 19 अप्रैल को डीएम की सुनवाई में जब स्कूलों को मान्यता रद्द करने की चेतावनी दिए गए तो उन्होंने तत्काल 9 बच्चों का दाखिला स्वीकार कर लिए। वहीं इससे स्पष्ट है कि यदि प्रशासन सख्ती दिखाएं तो स्कूलों की मनमानी रोके जा सकते हैं और हजारों बच्चों को शिक्षा अधिकार मिल सकते हैं।